गुड़ बहुत ही स्वादिष्ट और हेल्दी फूड है, जिसे गन्ने के रस से बनाया जाता है। इस वजह इसमें गन्ने के गुण आ जाते हैं। लेकिन आपको मालूम नहीं होगा कि गुड़ को दवा की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको सही तरीका मालूम होना चाहिए कि इसमें क्या मिलाना है और कब?

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर मिहिर खत्री ने बताया कि आप गुड़ को दवा बना सकते हैं। आयुर्वेद में ऐसी अलग अलग 4 अवस्थाएं बताई गई हैं, जिसमें गुड़ दवा की तरह काम करता है, लेकिन इसके लिए आपको अलग अलग 4 देसी औषधि मिलानी होती हैं। यह प्रयोग काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
आम अवस्था
टॉक्सिन को आयुर्वेद में आम कहा जाता है। डॉक्टर के मुताबिक आम की वजह से सुबह उठते ही शरीर में जकड़न, चेहरे पर सूजन, मल में चिपचिपा पदार्थ आने की समस्या हो सकती है। इस कंडीशन में मरीज को गुड़ के साथ सोंठ का प्रयोग करना चाहिए।
अजीर्ण अवस्था
अजीर्ण पेट की समस्याओं को कहा जाता है। जिसमें अपच, पेट में भारीपन, खाना अच्छी तरह से नहीं पचना जैसी दिक्कतें होती हैं। ऐसे लोगों को आयुर्वेद में गुड़ को पिपली चूर्ण के साथ लेने के लिए कहा गया है।
मूत्र कृच्छ
इसमें मरीज को पेशाब रुक रुककर आने की समस्या होती है। उसे खुलकर पेशाब करने में दिक्कत होती है, जिसे रिटेंशन ऑफ यूरीन भी कहा जाता है। ऐसे मरीजों को गुड़ को जीरे के साथ लेना चाहिए।
गुड़ से दवा बनाने का तरीका
अर्श
बवासीर या पाइल्स को आयुर्वेद में अर्श कहते हैं। इन मरीजों को अक्सर ऑपरेशन करवाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर ने गुड़ को अभ्या चूर्ण के साथ लेने की सलाह देते हैं। हरड़ पाउडर को ही अभ्या चूर्ण कहा जाता है।
प्रयोग कैसे करना है
डॉक्टर के मुताबिक थोड़ा मुलायम देसी गुड़ लें, इसमें अपनी अवस्था के मुताबिक दूसरी औषध लेकर सामान मात्रा में मिलाएं। इसे अच्छी तरह कूटकर छोटी छोटी गोली बना लें। इसकी 2-2 गोली सुबह शाम खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। जरूरत पड़े तो दिन में दो-तीन बार भी ले सकते हैं।
डिस्क्लेमर: लेख में दिए गए नुस्खे की जानकारी व दावे पूरी तरह से इंस्टाग्राम पर प्रकाशित रील पर आधारित हैं
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