चलना शरीर के लिए अच्छा होता है। लेकिन बचपन से चलते-चलते हमारे शरीर को इसकी काफी आदत पड़ गई है। हमारी मसल्स और दिमाग को चलने में ज्यादा काम नहीं करना पड़ता है। इसमें छोटा सा बदलाव करके आप इसे फिर से ज्यादा प्रभावशाली बना सकते हैं।
1/7View Imageचलने के तरीके में बदलाव
चलना शरीर के लिए हेल्दी एक्टिविटी है। यह मसल्स को मजबूती देने के साथ कैलोरी बर्न करने में मदद करती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि चलने के तरीके में छोटा सा बदलाव करने पर इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। आप पहले से ज्यादा कैलोरी बर्न करने लगते हैं, अबतक नजरअंदाजगी झेल रही मसल्स में ताकत आती है और दिमाग भी तेज होने लगता है।
2/7View Imageक्या बदलाव करना है?
आपको कुछ देर उल्टा चलना है। हालांकि यह एक एक्सरसाइज की तरह होना चाहिए। आप इसे 5 मिनट से आधा घंटा कर सकते हैं। लेकिन भीड़ भाड़ वाली जगह ना करें, तेजी से ना करें और सीधी सतह पर करें।
3/7View Imageनई मसल्स की मजबूती
एक्सरसाइज साइकोलॉजिस्ट जॉर्डन बोरमैन ने क्लीवलैंड क्लीनिक को पीछे की तरफ चलने के फायदे बताए हैं। रोज सीधा चलने पर हमारी एक सी मसल्स काम करती है, जिससे उनमें थकान और चोटिल होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन जब हम उल्टा चलते हैं तो दूसरी मसल्स को भी ताकत मिलती है, जो अबतक ज्यादा काम में नहीं आ रही थीं। इससे पैर की सारी मसल्स को मजबूती देने में मदद मिलती है।
4/7View Imageजोड़ों के लिए बढ़िया
एक्सपर्ट का कहना है कि जब हम पीछे की तरफ चलते हैं तो क्वाड्स मसल्स ज्यादा एंगेज रहती हैं, जिससे घुटनों पर दबाव कम पड़ता है। यह आफके हिप फ्लेक्सर्स के रेंज ऑफ मोशन को भी बढ़ाता है। इसलिए जोड़ों के दर्द और अर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह एक अच्छी एक्सरसाइज हो सकती है।
5/7View Imageज्यादा कैलोरी बर्न
पीछे की तरफ चलना शरीर के लिए एक चैलेंज होता है। जिसे पूरा करने के लिए वो ज्यादा काम करता है और अलग अलग मसल्स काम करने लगती हैं। आपकी हार्ट रेट भी नॉर्मल से थोड़ी ज्यादा हो जाती है, जिससे सामान्य चलने से ज्यादा कैलोरी बर्न होती हैं।
6/7View Imageपोस्चर में सुधार
सीधा चलते चलते कई लोग आगे की तरफ झुक जाते हैं। साथ में फोन चलाना, लैपटॉप पर काम करना आदि इस पोस्चर को और बेकार कर देता है। लेकिन उल्टा चलने पर आपको शरीर को सीधा रखना होता है। यह एक्टिविटी एक स्ट्रेच की तरह असर करती है।
7/7View Imageदिमाग के लिए फायदेमंद
पीछे चलने पर दिमाग और मसल्स को कॉर्डिनेट करना होता है। इसके लिए ज्यादा फोकस और कॉन्संट्रेशन की जरूरत होती है। यह दिमाग के लिए एक एक्सरसाइज की तरह है, जिससे उसके काम करने की क्षमता भी तेज होती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है
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