गुड़हल के पौधे में कलियां नहीं आ रही हैं या फूलों का साइज बहुत छोटा है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। सही धूप, थोड़ी सी देखभाल और खास पोषण देकर आप गुड़हल में अनगिनत फूल उगा सकते हैं। किरण की बनिगा से गुड़हल को फूलों के लिए बहुत ही सस्ता और असरदार लिक्विड फर्टिलाइजर मिला है।

इस समस्या का समाधान किरण की बगिया से मिला है। गार्डनिंग एक्सपर्ट ने प्याज के छिलकों और डीएपी से मिलाकर खाद बनाने का तरीका बताया है। रसोई के कचरे और कुछ खास पोषक तत्वों का इस्तेमाल करके एक 'जादुई घोल' तैयार कर सकते हैं, जो आपके गुड़हल में बड़े साइज के अनगिनत फूल खिला देगा।
धूप का रखना होगा ध्यान
गुड़हल एक 'सन-लविंग' यानी धूप पसंद करने वाला पौधा है। अगर इसे छाया में रखा है, तो इसमें कभी भी ढेरों फूल नहीं आएंगे। अपने गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ दिन की कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप आती हो। धूप मिलने से पौधा अपना भोजन बेहतर बना पाता है, जिससे फूलों का साइज बड़ा होता है।
पौधे की सफाई और प्रूनिंग
पौधे पर लगी पीली और सूखी पत्तियां न केवल देखने में खराब लगती हैं, बल्कि वे पौधे की ऊर्जा भी बेकार में सोखती हैं। जैसे ही पत्तियां पीली दिखें, उन्हें हटा दें। फूल खिलने के करीब 2 दिन बाद जब मुरझाने लगे, तो उसे टहनी से तोड़कर हटा दें। अगर पुराना फूल पौधे पर लगा रहेगा, तो पौधा बीज बनाने में अपनी ताकत लगाएगा और नए फूल आना बंद हो जाएंगे।
खरपतवार और मिट्टी की गुड़ाई
गमले की मिट्टी में उगने वाले घास-फूस यानी कि खरपतवार मिट्टी के सारे पोषक तत्व चुरा लेते हैं। इसलिए खरपतवार हटाने के साथ गमले की सतह पर गिरी हुई सूखी पत्तियों और कचरे को समय-समय पर साफ करते रहें। महीने में कम से कम दो बार किसी खुरपी की मदद से मिट्टी की 2-3 इंच गहरी गुड़ाई जरूर करें। इससे जड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचती है और जड़ें मजबूती से फैलती हैं।
पानी का सही बैलेंस
गुड़हल को नमी पसंद है, लेकिन जड़ों में पानी खड़ा होना इसके लिए जहर के समान है। गमले की मिट्टी ऐसी होनी चाहिए कि पानी डालते ही नीचे के छेद से बाहर निकल जाए। अगर गमले में पानी जमा रहेगा, तो जड़ें गलने लगेंगी और कलियां खिलने से पहले ही गिर जाएंगी। हमेशा मिट्टी को छूकर देखें, अगर ऊपरी परत सूखी लगे तभी पानी दें।
गुड़हल के लिए शक्तिशाली खाद
प्याज के छिलके और DAP का कमाल
प्याज के छिलके में पोटैशियम और सल्फर भरपूर मात्रा में होता है, जो फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी है। घोल बनाने के लिए मुट्ठी भर प्याज के छिलकों को एक बर्तन पानी में डालकर 24 से 48 घंटे के लिए छोड़ दें।
तय समय बाद पानी का रंग गहरा हो जाएगा। अब छिलकों को छानकर अलग कर लें। इस तैयार प्याज के पानी में DAP के 10 से 15 दाने डाल दें। इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें ताकि दाने पूरी तरह घुल जाएं।
खाद देने का सही तरीका और मात्रा
किसी भी खाद का असर तभी होता है जब उसे सही मात्रा में दिया जाए। तैयार किए गए प्याज और DAP के घोल में थोड़ा और सादा पानी मिलाकर उसे लगभग 1 लीटर बना लें। यह घोल एक 14 इंच के गमले के लिए काफी है। इसे महीने में एक बार मिट्टी की गुड़ाई करने के बाद डालें। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में पौधे पर नई कलियां आने लगेंगी और फूलों का रंग भी बहुत गहरा और चमकदार हो जाएगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे यूट्यूब वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं
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